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संजय दत्त की परोल क्यों? जब हो चुकी है बेटी की सर्जरी - Navbharat Times
बीते
दिनों संजय दत्त के 30 दिन की परोल पर जेल से बाहर आने की खबर चर्चा में
रही। बाहर आने के लिए दी गई अर्जी में बेटी की नाक की सर्जरी वजह बताई गई
थी, जो कि अप्रैल-मई में हो भी चुकी है।
दरअसल, यरवदा जेल में सजा
काट रहे संजय दत्त ने इस सर्जरी से जुड़ी अपनी जरूरतें गिनाते हुए मेडिकल
ग्राउंड पर छुट्टी की अर्जी मार्च में दे रखी थी, जिसपर फैसला डिविज़नल
कमिश्नर की ओर से पिछले हफ्ते लिया गया है। दत्त के वकील हितेश जैन ने कहा
है कि दत्त को यह परोल उन्हें मार्च में दी गई अर्जी के बाद मिली है,
जिसमें वजहों का भी जिक्र किया गया है। उनका मानना है कि यकीनन जेल प्रशासन
ने छुट्टी देते हुए उस मेडिकल ग्राउंड की तहकीकात की भी होगी।उन्हें उम्मीद थी कि उनकी इस अर्जी पर फैसला 45 दिनों के अंदर ही ले लिया जाएगा, लेकिन किसी कारण से ऐसा हो न सका, जिसके बाद उनके वकील ने सरकार की ओर रुख किया। फैसले में हो रही देरी को देखते हुए जैन ने 29 जुलाई को गृह मंत्रालय में यह कहते हुए गुहार लगाई कि उनकी अर्जी पर पुणे डिविज़नल कमिश्नर को फैसला लेने के निर्देश दिए जाएं। फिर सरकार की ओर से निर्देश आने के बाद परोल से जुड़ा फैसला लिया गया।
रिपोर्ट के मुताबिक, संजय से जुड़े करीबी सूत्रों की मानें तो उनकी बच्ची
की सर्जरी हो चुकी है, लेकिन साथ में उनका यह भी कहना है कि बच्ची को अब
मेडिकल केयर की आवश्यकता है, जिसके लिए दत्त का बच्ची के साथ होना जरूरी
है। हालांकि, दत्त के वकील से बच्ची की सर्जरी के बारे में पूछा गया तो
उन्होंने इस बारे में कुछ भी कहने से यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह उनका
पर्सनल मैटर है।
अब आगे सवाल यह उठता है कि क्या सजा में इस तरह
की छूट ऐसी वजहों के जायज़ हैं, जो वास्तव में हैं ही नहीं? सरकार की ओर से
नियुक्त एक अधिकारी की मानें तो, यह छुट्टी दत्त के उन कागजातों के आधार
पर दी गई है, जिन्हें उन्होंने अर्जी के साथ जमा कराई है। यदि उनकी मेडिकल
जरूरतें अब वही हैं तो कायदे से डिविज़नल कमिश्नर को इस बारे में छानबीन
करने की जरूरत नहीं है।एक अन्य अधिकारी के मुताबिक, यह अर्जी देने वाले की जिम्मेदारी बनती है कि वह बताए कि परोल की वजहें अब उनके लिए कितनी जरूरी हैं या हैं भी नहीं। उनका कहना है कि हालांकि, परोल से जुड़े फैसले में कोई बदलाव नहीं हो सकता, लेकिन यदि ऐक्टर्स द्वारा जमा किए कागजातों में किसी तरह की विसंगति पाई जाती है तो उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।
गौरतलब है कि उन्हें 1993 सीरियल बम धमाके मामले में अवैध रूप से हथियार रखने का दोषी पाया गया था। इन धमाकों में 250 लोग मारे गए थे और कई लोग घायल हो गए थे। संजय दत्त मई 2013 से पांच वर्ष की शेष 42 महीने की सजा काटने के लिए जेल में हैं।
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